कोरोना संक्रमण जैसे गंभीर महामारी को मात दे कर 65 साल की बूढ़ी माँ को घर आने की सूचना मिलते ही बेटे भागे हैदराबाद
ऐसे खबर सुनने को मिलते आती है। तेलंगना राज्य के निजामाबाद जिले के कोरोना 19 अस्पताल की धटना।
बताया जाता है कि बेटे और बहू को अपने 65 वर्षीय माँ को covid19 जैसे महामारी को मात दे कर घर आने की सूचना मिली तो,बेटे बहु कोरोना से बचने के लिये घूमने के बहाने निकल पड़े हैदराबाद। बूढ़ी माँ घर के दरवाजे पर बैठी रही तीन दिन तक,आस पास वाले देते रहे खाने को,इंतजार होने लगा कि बेटा बहु आएगा जब दरवाजा खोलेगा। तब होगा स्वागत।

पुलिस की ओर से बताया जाता है कि बूढ़ी माँ के पति ने शादी कर अपने दूसरी पत्नी के साथ अलग रहते है।पहली पत्नी को छोड़ चुके थे। पहली पत्नी अपने बेटे बहु के साथ ही रहती थी। एक साथ रहने से हमेसा बहु और सास (65 वर्षीय महिला) में किसी न किसी चीज में नोक झोंक हो जाया करता था।जिससे परेसान हो कर बेटे ने अपने बूढ़ी माँ को विधवा आश्रम में छोड़ आया था। विधवा आश्रम में तबीयत बिगड़ने लगी।कोरोना संक्रमण की शिकायत मिली,अच्छे इलाज के लिये शहर के कोरोना संक्रमण अस्पताल में भर्ती कराया गया।
65 वर्षिय माँ ने दिया कोरोना को दे दी मात
निजामाबाद covid19 अस्पताल में जांच के बाद कोरोना संक्रमण पाया गया। जहाँ अच्छे इलाज के बाद ठीक हो कर, वृद्धाश्रम न जाकर घर जाने को इरादा बनाई बूढ़ी माँ। घर आने की खबर मिलते ही बेटे बहु घर मे ताला लगा कर, हैदराबाद निकल गए। बूढ़ी माँ जब पहुँची दरवाजा में ताला देख निराश हो कर दरवाजे के पास बैठ गई। बेटे बहु के इंतजार में 3 दिन निकाल दी। आस पास के पड़ोसी खाने को देते रहे।3 दिन बीतने के बाद पुलिस को सूचना दी गई।

पुलिस की पहल
सूचना मिलते ही पुलिस आई और बेटे बहु से बात कर हैदराबाद से वापस तेलंगना बुला कर समझाया फिर घर मे तीनो को रहने का दबाव भी बनाया। जिसपर बेटे बहु मान गए और एक साथ घर मे एंट्री हुई। जहाँ कई जगह आपको सुनने या देखने को मिलते आया है कि,कोरोना संक्रमण को मात दे कर वापस आने वाले को फूलों से स्वागत होता रहा।वही तेलंगना में डर से बेटे बहु घर छोड़ दिया।